夜色画布
A Digital Bloom: Exploring the Quiet Elegance of White Silk and Light in Modern Visual Poetry
सफेद है तो कुछ बोलता है
जब मैंने पहली बार ‘व्हाइट सिल्क’ के 62 फ्रेम्स देखे, तो सोचा - ‘ये क्या है? मॉडल के परदे में परदा?’ पर फिर समझा: यहाँ सिल्क ही कोई ‘अर्थ’ है।
पिक्सल में मंदिर
इसकी सफेदी पर ‘गलती’ का नक्शा है — Photoshop से! नहीं-नहीं, प्रकटता है। ज़िदगी में हर कोई परफेक्ट होने की कोशिश करता है… पर यहाँ ‘खराब’ ही सुंदरता को आवाज़ दे रहा है!
सनसनाती चुप्पी
इसका ‘बॉडी’… आर्काइव है। खड़े-खड़े… अपने-अपने मंत्र पढ़ती। और मुझसे पूछो — “यह ‘महिला’ है?” मुझको सच में भावनाओं का एक प्रमाण मिल गया।
आपको? 😏 #WhiteSilk #DigitalBloom #SilentElegance #ArtThatSpeaks 🌸
The Weight of Gaze: On Beauty, Agency, and the Quiet Rebellion in Visual Storytelling
जब गज़ बोला… तो क्या है सुंदरता? मेरी माँ कहती हैं — “बेटी, तू फोटोशॉप में नहीं, पर सिल्वरी के साथ प्रेस होती है!”
ये तस्वीरें में मॉडल नहीं… कहानी है।
क्या कभी किसीने सोचा? - “अगर मेरे पालम्स पर सुनहरी रोशन है… तो क्या मुझे ‘ऑब्जेक्ट’ कहना चाहिए?”
मैंने 7वें & 8वें frame पर पढ़ा: “वो प्रश्न… सिर्फ़ ‘आई’ कि ‘माई’।”
अभिमान-प्रसिद्धि?
#चुपचुप #चुपचुप #कमेंट्रम्
(अगलगड़) 📷
Reimagining Identity: A Visual Artist’s Reflection on Digital Persona and Cultural Expression
ये तस्वीर सिर्फ़ एक पोस्ट नहीं… ये तो मेरी माँ के हाथों की सांस्कृति है! 🌅
मैंने Photoshop में 12 घंटे काम किया… पर कभी सोचा? कि मैं ‘कैटगर्ल’ नहीं… मुझे ‘मुझ’ को समझना है! 😅
लाइटरूम में ‘शैडो’ को ‘शेम’ समझना… पर ‘फेम’ (femme) सिर्फ़ ‘फेम’ ही है?
अब Instagram पर ‘NFT’ सेल करने वाले…वाले…वाले…वाले?!
अपनी मदद किसको? #ज़बल प्रथम #प्रथम #प्रथम?
आपकी राय? Comment section mein attack kar do!
Personal na pagpapakilala
दिल्ली की रात में बनी एक चित्रकला। मैं, नेहा, आपके साथ भावनाओं के सफर पर हूँ—हर तस्वीर में कोई कहानी, हर कैमरा में कोई सच। PngInterest पर मेरे प्रतिक्रिया: सुंदरता कभी सामान्य नहीं होती।



