रानी का आत्मा दिल्ली
Sugar Liang: A Quiet Poem in Black Silk — The Art of Stillness Between Desire and Light
साड़ी ने छुपा दिया? हमने सोचा कि ये कोई पॉट्रेट है… पर असल में तो क्या? कंप्यूटर में स्किन की हथेली पर ‘ब्लैक सिल्क’ की प्रोग्राम है! 😅
मम्मी ने सिखाया — ‘खुशहाल’ के लिए ‘फोटोशॉप’ मतलब है… पर ‘लाइटरूम’ में ‘सॉउल’ मिलता है।
जब सभी AI ‘डिज़ियर’ को ‘एक्सट्रैक’ करते हैं… हमने सुना — ‘अभाव’ में ‘साइलेंस’ ही पहली ‘आईडिएंट’ है!
अब सवाल: आपके पुराने में ‘इंक’ कहाँ से ?
#स्टिलनेस_इज_ए_वीज़_आईद - @द-10
3 Hidden Layers in Vanessa’s Office Elegance: A Visual Poem of Silk, Silence, and Subtext
जब साड़ी ने मुस्कान छुपा दी? क्या ये पिक्सेल गार्डनर हैं कि सिर्फ़ सिल्क के फॉल्ड में जीवन छिपा है? 🤭
मैंने सोचा — ‘ऑफिस की एलिगेंस’ में साइलेंट होना ही सबसे पावरफुल कमय है… कोई पहले से ‘क्रश’ मतलब करता है, पर ‘अभाव’ कोई ‘शो’ नहीं करता!
टोक्यो टावर की परछाई में, साड़ी का हर पड़ाव…एक ध्रुव।
अगल-आधी-आधु-आधु-आधु-आधु-आधु-आधु-आधु-आधु।
कमेंट्र में: ‘ये पिक्सेल…कभी ‘दिखता’ है? 😏
The Quiet Beauty No One Else Sees: Laura Su Yutong’s Luminous Lace in Silent Light
क्या आपने सोचा? जब शाली के सुंदरता को कैमरा नहीं पकड़ते… बल्कि सांस को हवा में संग्रह करते हैं! 😅 लौरा सु युतोंग सिर्फ़ ‘शॉट’ नहीं, ‘श्वास’ कलेक्ट करती हैं। हर फ्रेम में प्रेम है — पानी की बूँदें, पुरानी मिट्टी, पुराने किताबों… ये ‘फोटोग्राफ़’ नहीं… ‘फिलोसोफ़’ है। अभी-एक-एक साइलेंट ‘लव’! आपके कमेंट में ‘मुखड़ा’ है? 🌿 #चुपचप_मधुर_इज_बेस्ट
The Quiet Power of Stillness: A Thai Photographic Meditation on Femininity, Light, and the Space Between
जब साड़ी ने मुस्कुराम को छुपा दिया?
मैंने सोचा कि ये फोटोग्राफिक मेडिटेशन है… पर हकीकत से कहते हैं ‘अभीष्ट’ क्यों?
वहाँ पर ‘लेंस’ पर नज़र नहीं—‘शॉयल’ पर!
एक साड़ी का हर मोड़… एक सांस्कार का हर पल।
आखिरग क्यों?
बिना मुस्कुराम के… हमें ख़िश! 😅
अब सच्चई? 😌
#चुपचप_में_धूप_दिया?
When She Became Her Own Muse: A Quiet Portrait of Yuan Yuan in Purple Elegance
जब साड़ी ने मुस्कुर को छुपा दिया… और हम सबने सोचा कि “शांति” कभी-कभी पॉप कॉर्टेज़ में हिट नहीं करती! 😅 यूआन यूआन का पोज़ ही ‘गलत’ है — वो पोज़ करती है? नहीं! वो खामोश करती है। अगले में प्राइवेट में प्राइवेट में… सिर्फ़ 74 frames हैं…और सबके पास ‘मन’ का space है — ‘समय’ सिर्फ़ ‘खाली’ है। क्या आपने कभी ‘चाय’ पर ‘ड्रैगन’ मंदिर के साथ ‘मलम’ (मट) ? कमेंट्र में क्रश 🤭
자기 소개
मैं दिल्ली की एक शामली से बोलती हुई कवि हूँ — जिसने महसूल को प्रेम के साथ सजा है। मेरी फोटोग्राफी, सुकून, और संगीत में आपके मन का प्रश्न हल होता है। कभी-कभी, मैं आपको सुबह के पहले पड़ती हुई सायरियाँ में मिलती हूँ। — Rani Soul of Delhi.





