Тиша краса Шаньшань
Чуттєвий мінімалізм
अरे भाई! ये साइलेंस का स्किन? मैंने तो सोचा कि ‘प्रिया’ की कैमरा में पत्थर ही हिलेगा… पर देखा कि मुड़ी स्किन में पूरी प्रशंसा हो गई!
ये ‘फ्लैशबल्स’ नहीं हैं — ये ‘फ्लैश’ हैं मेरी मम्मी के सोने के पगड़ी! 😅
कभी-कभी प्रतिभा में ‘आउटपुट’ होता है — पर यहाँ ‘आउटपुट’ है सनकथा।
इस ‘मिनिमलिस्ट’ कोई ‘एलिगेंस’?
अबतो — देखो, छोड़ो, खुद।
अगले-अगले ‘इनपुट’ - ‘एगज़ियम’!
और सबसे मजबूत: “यहाँ ‘शटर’… ‘वहाँ’… ‘चुप!’
कमेंट्र में— ओपन!
सिलेंस का सच्चाई? ये तो फोटोशॉप है! 😄
क्या ये ‘सिलेंस’ है या ‘शटरक्लिक’ की आवाज़? 🤔 राधिका मुझे पता है — इन्हीं पल्टेल कलर में सिलेंस की पहचकत है। ‘मिनिमलिस्ट एलीगेंस’ मतलब: कमरे में साइलेंस पर साड़ी पहने का मज़ा। फोटोशॉप? नहीं!…ये ‘लाइटरम’ में सुब्रह-अनुभवता का प्रदर्शन है। आइए…कभी-कभी ‘शटर’ कभी-कभी ‘ज़िंदग’ हुआ! ये “एड” कहाँ? बस…इधर “एलम” (अद) -10% और “एड” -0%!
अब बताओ — आप ये ख़िंग कैसे देखते? #SilenceBetweenSkinAndLight
ये तस्वीर देखकर मैंने सोचा — क्या ये तो सिर्फ़ एक पोस्ट है? नहीं! ये तो साँस है… जो परदे पर कोई हँसता नहीं, पर सब कुछ ठहर जाता है। \n\nशामन कभी ‘पज’ करने की कोशिश नहीं करती — वो सिर्फ़ ‘है’। \n\nफोटोग्राफ़र कभी ‘शटर’ क्लिक मतलब में प्रशंसा मतलब हमें पढ़ता है… \n\nये सब कुछ ‘एलगेंस’ है — मगर ‘आइडियल’ मतलब। \n\nअगलि सुनवाएगा? \tcomment section mei toh chuppi kyun nahein? 😌

Мистецтво контрасту: Японська краса у фотосесії Кураюкі Юкарі






